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राणा प्रताप जीवन दर्शन केंद्र बनाने का संकल्प

भूपेन्द्र सिंह चूण्डावत, उदयपुर
राष्ट्रीय चरित्र की मिसाल अजेय महाराणा प्रताप के जीवन और दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प करने वाले पूर्व पत्रकार विद्याधर पानट का कहना हैं कि उनके रग-रग में महाराणा प्रताप बसे हैं। उन्होंने इस हफ्ते मेवाड के कुंभलगढ, दिवेर, गोगुंदा, चित्तौडगढ, चावंड, हल्दीघाटी, उदयपुर का दौरा किया और प्रताप से जुडे सभी स्थानों की मिट्टी को सिर पर चढाई तथा प्रताप पर मराठी में हजार पेज लिखने का संकल्प किया।

विगत सात वर्ष से 9 राज्यों में जगह-जगह भ्रमण कर प्रताप के जीवन आदर्श को उजागर करने का प्रयास जारी है। अब तक दो हजार सभाओं के माध्यम से प्रताप के जीवन दर्शन को आम लोगों तक पहुंचाया है। प्रताप के जीवन दर्शन को सुनकर बडे तो क्या स्कूली छात्र-छात्रओं में राष्ट्रीयता का भाव देखा गया। उनके चेहरों पर अलग ही चेतना का भाव उजागर हुआ।

प्रभु एकलिंगनाथ के आशीर्वाद से जलगांव में पांच एकड में 10 करोड की लागत से महाराणा प्रताप जीवन दर्शन केंद्र बनाने का संकल्प लिया है। केंद्र को एक ट्रस्ट के रूप में तैयार किया जाएगा जिसमें प्रबुद्धजन सदस्य होंगे और ये केंद्र आम जनता का होगा। पांच वर्ष में तैयार होने वाले केंद्र में चार भव्य सभागृह होंगे। जिसमें प्रताप के जीवन आधारित चित्रों की प्रदर्शनी, अस्त्र-शस्त्र, थियेटर, पुस्तकालय होगा। यहां आकर छात्र-छात्राएं प्रताप के जीवन दर्शन को आधार मानकर पीएचडी कर सकेंगे। केंद्र का परकोटा कुंभलगढ के परकोटे के भांति होगा। केंद्र में 105 फीट ऊंची प्रताप की आदमकद प्रतिमा लगेगी। ये प्रतिमा महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में स्थापित 105 फीट की हनुमान प्रतिमा की भांति होगी।

श्री पानट का कहना है कि वे केंद्र को इस प्रकार आकार देना चाहते है कि जो लोग अजंता-एलोरा की मूर्तियां देखने आते है वे जलगांव में प्रताप के केंद्र को देखे बिना नहीं जाए। श्री पानट उदयपुर में प्रताप से जुडे स्मारकों का अवलोकन करने उदयपुर आए हुए है।


सौजन्य : ज्ञान दर्पण

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